Tuesday 31 January 2023

Ashtalakshmi Stotram

श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम

आदिलक्ष्मि

सुमनस वंदित सुंदरि माधवि, चंद्र सहॊदरि हेममये
मुनिगण वंदित मोक्षप्रदायनि, मंजुल भाषिणि वेदनुते |
पंकजवासिनि देव सुपूजित, सद्गुण वर्षिणि शांतियुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, आदिलक्ष्मि परिपालय माम् ||१||

धान्यलक्ष्मि

अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनि, वैदिक रूपिणि वेदमये
क्षीर समुद्भव मंगल रूपिणि, मंत्रनिवासिनि मंत्रनुते |
मंगलदायिनि अंबुजवासिनि, देवगणाश्रित पादयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, धान्यलक्ष्मि परिपालय माम् ||२||

धैर्यलक्ष्मि

जयवरवर्षिणि वैष्णवि भार्गवि, मंत्र स्वरूपिणि मंत्रमये
सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद, ज्ञान विकासिनि शास्त्रनुते |
भवभयहारिणि पापविमोचनि, साधु जनाश्रित पादयुते
जय जयहे मधु सूधन कामिनि, धैर्यलक्ष्मी परिपालय माम् ||३||

गजलक्ष्मि

जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि, सर्वफलप्रद शास्त्रमये
रधगज तुरगपदाति समावृत, परिजन मंडित लोकनुते |
हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित, ताप निवारिणि पादयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, गजलक्ष्मी रूपेण पालय माम् ||४||

संतानलक्ष्मि

अयिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि, रागविवर्धिनि ज्ञानमये
गुणगणवारधि लोकहितैषिणि, सप्तस्वर भूषित गाननुते |
सकल सुरासुर देव मुनीश्वर, मानव वंदित पादयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, संतानलक्ष्मी परिपालय माम् ||५||

विजयलक्ष्मि

जय कमलासिनि सद्गति दायिनि, ज्ञानविकासिनि गानमये
अनुदिन मर्चित कुंकुम धूसर, भूषित वासित वाद्यनुते |
कनकधरास्तुति वैभव वंदित, शंकरदेशिक मान्यपदे
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, विजयलक्ष्मी परिपालय माम् ||६||

विद्यालक्ष्मि

प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि, शोकविनाशिनि रत्नमये
मणिमय भूषित कर्णविभूषण, शांति समावृत हास्यमुखे |
नवनिधि दायिनि कलिमलहारिणि, कामित फलप्रद हस्तयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम् ||७||

धनलक्ष्मि

धिमिधिमि धिंधिमि धिंधिमि-दिंधिमि, दुंधुभि नाद सुपूर्णमये
घुमघुम घुंघुम घुंघुम घुंघुम, शंख निनाद सुवाद्यनुते |
वेद पूराणेतिहास सुपूजित, वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते
जय जयहे मधुसूदन कामिनि, धनलक्ष्मि रूपेणा पालय माम् ||८||

फलशृति

अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि |
विष्णुवक्षः स्थला रूढे भक्त मोक्ष प्रदायिनि ‖

शंख चक्रगदाहस्ते विश्वरूपिणिते जयः |
जगन्मात्रे च मोहिन्यै मंगलं शुभ मंगलं ‖


|| इति श्रीअष्टलक्ष्मी स्तोत्रं सम्पूर्णम् ||



No comments:

Post a Comment

Jay Ram Rama Ramanam Shamanam

जय राम रमारमनं समनं    यह स्तुति भगवान शिव द्वारा प्रभु राम के अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में गाई गई है। जिसके अंतर्गत सभी ऋ...